प्रदुषण पर निबंध:प्रदूषण ने आज अपनी चपेट में सभी छोटे या बड़े शहरो को ले लिया है. पहले हम गांव क्षेत्रों में हरे-भरे भाग- बगीचे तालाब प्रकृति के सौंदर्य का अनूठा दृश्य देखने को मिलता था. अब यह दृश्य देखने के लिए लोग तरसते हैं. मानो इन सभी का अस्तित्व खत्म हो गया हो. हरियाली दिन पर दिन समाप्त होती जा रही है . हरयाली की न्यूनता भी प्रदुषण का मुख्या कारण है.तो ऐसे में एक सवाल आता है-प्रदूषण क्या है?
प्रदुषण वायु , जल , मृदा , ध्वनि आदि के अनावश्यक तत्व घुलकर उसे इतना गन्दा कर देते है जो व्यक्ती के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालता है. प्राकृतिक संसाधनों मैं अशुद्धियों के कारण प्रदूषण होता है. यह अशुद्धियां कई प्रकार की होती है.
प्रदुषण का क्या अर्थ है-: प्रदूषण का अर्थ होता है- प्राकृतिक संतुलन में अभाव पैदा होना. मनुष्य की नासमझी के कारण प्रदूषण इस हद तक बढ़ गया है कि हमें मौसम चक्र में कई प्रकार की तब्दीलियां दिखाई पड़ती है. सभी जीव जंतु पर्यावरण में एक साथ रहते हैं जोकि जीवन चक्र चलाने में सहायक हैं.वे एक दूसरे पर निर्भर हैं. पर्यावरण में सभी का अहम स्थान है. वनोन्मूलन के कारण पशु-पक्षी बेघर हो गए तथा कुछ विलुप्त होने की कगार पर हैं.
प्रदूषण के कई प्रकार होते हैं, परंतु मुख्य चार प्रकार होते हैं- वायु प्रदूषण,जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण,ध्वनि प्रदूषण.
वायु प्रदूषण-: कल-कारखानाे की चिमनी से निकलता काला धुआ, ऑटोमोबाइल्स का दुआ, पटाखों का धुआ,जहाजों का धुआ, हवाई जहाजों का धुआ आदि प्रदूषण के कारण हैं. प्रदूषण की वजह से ग्रीन हाउस गैसे की मात्रा बढ़ रही है- जैसे कार्बन डाइऑक्साइड,मिथेन, क्लोरोफ्लोरोकार्बन आदि. जिससे ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है.
वैज्ञानिक यंत्रों के बढ़ते उपयोगो से बड़े से बड़ा काम आसानी से हो जाता है परंतु इसके दुष्परिणामों ने वायु प्रदूषण को बढ़ावा दिया है. फ्रिज,वातानुकूलन सफाई के उत्पादनो में क्लोरोफ्लोरोकार्बन का प्रयोग किया जाता हैं जोकी ओजोन परत के लिए हानिकारक है तथा मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए मुनासिब नहीं है.
कार्बन डाइऑक्साइड की अधिकता से पृथ्वी का तापमान बढ़ रहा है.पटाखों से निकलते धुए ओजोन परत को क्षति पहुंचती है. 2019 की दीपावली के बाद दिल्ली सरकार को पोलूशन के कारण विद्यालयों को बंद करना पड़ा.ऐसी नौवत फिर से ना हो, तो पटाखों पर रोक लगाना होगा.
दिल्ली में दीपावली को पटाखों की वजह से रात के समय आसमान में बेहद धुआ दिखाई पड़ता है. खबरों के अनुसार दिल्ली और उससे लगे शायरों की हवा की गुणवत्ता बद से बदतर हो जाएगी. वायु प्रदूषण से अस्थमा लंग कैंसर क्रॉनिक ऑब्स्ट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सी ओ पी डी) आदि घातक बीमारियां होती हैं.
जल प्रदुषण -: जल प्रदुषण निर्माणशालाओ से निकलते रासायनिक पदार्थो, घरो से निकलते अपशिष्ट जल नाबदानाे के द्वारा नदियों में चला जाता है. नदी में जानवरों के नहाने, कपड़े धोने आदि से प्रदूषित होती है.
शहरों के बड़े-बड़े नालो में घरों की अपशिष्ट वस्तुए, नॉन बायोडिग्रेडेबल कचरा जैसे प्लास्टिक,पॉलिथीन आदि जल प्रदुषण को बढ़बा देते है. मनुष्य ने जल को पर्याप्त प्रदूषित किया हैं और शुद्ध जल को अधिक बर्बाद किया है, जिससे भूमिगत जल का स्तर घटता जा रहा है.
खेती में उचित उर्वरक और कीटनाशक से भूमिगत जल प्रदूषित होता है. दूषित जल से कई प्रकार की बीमारियां होती हैं. जैसे-डायरिया पीलिया टाइफाइड आदि घातक बीमारियां होती हैं.
ध्वनि प्रदूषण-: ध्वनि प्रदूषण ऑटोमोबाइल की आवाज,लाउड स्पीकर्स की आवाज हवाई जहाज की आवाज,कल कारखानों की मशीनों की तीव्र ध्वनि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है.
मनुष्य एक सीमा तक ही सुन सकता है उसे अधिक ध्वनि बहरा बना सकती है. ध्वनि प्रदूषण हमारे लिए अनुकूल नहीं है. हमें शोरगुल वाले स्थानो से दूर रहना चाहिए.
ध्वनि प्रदूषण से बहरापन, चिड़चिड़ापन ,बेचैनी, पागलपन जैसी समस्याए हो सकती है.
मृदा प्रदूषण- :मृदा प्रदूषण मिट्टी मे अशुध्दियों के कारण होता है. मनुष्य के कचरा उचित स्थान पर न फेंकने से मृदा प्रदूषण से बढ़ रहा है. कृषि का उपयोग किए जाने वाले उर्वरक तथा कीटनाशक मृदा प्रदूषण के सहायक है.
मिट्टी में उपजे फसल को खाकर जीवो के स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है. मृदा प्रदूषण से गुणवत्ता दूषित हो जाती है. जिससे फसल उत्पादन भी कम होता है.
प्रदूषण के दुष्प्रभाव-: प्रदूषण के कारण आज धरती का तापमान बढ़ रहा है. पटाखों के धुएं से ओजोन परत को क्षति पहुंचती है. ओजोन परत में एक छोटा सा छेद हो गया था, लेकिन प्रदूषण की बढ़ोतरी के कारण छेद बढ़ता जा रहा है.
छेद के बढ़ने से सूरज की अल्ट्रावॉयलेट किरणे सीधी पड़ेंगे जिससे कैंसर जैसी जानलेवा बीमारिसा हो सकती हैं.निर्वनीकरण से हरीयाली का अस्तित्व खत्म होता जा रहा हैं.
कल-कारखानो के दूषित पदार्थों से नदी का पानी दूषित हो जाता है.
प्रदूषण के कारण-:प्रदूषण के कई कारण है.कुछ कारण निम्नलिखित है-
1-बनो की अधिकांश कटाई
2-कल-कारखानो का गंदा पानी
3-उरर्वक और कीटनीशक का अत्यधिक प्रयोग
4-यातायात बहानों की कर्णभेदक ध्वनी
5-वैज्ञानिक यंत्रो का अधिकता उपयोग
6-मनुष्य के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण
7-लाऊड स्पीकर्स के सबब से
8-जानवरो की बजय से
9-पटाखो का अधिकतर प्रयोग
10-सफाई के उत्पादनो मे कलोरोफ्ल्रोकार्बन के कारण
उपसंहार
प्रदुषण से हमे मुक्ति तभी मिलेंगे जब अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करेंगे. वृक्ष कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करके ऑक्सीजन के रूप में उत्सर्जन करते हैं. यदि हमें आगामी पीढ़ी को सुरक्षित जीवन देना है तो वातावरण को हरा-भरा बनाना होगा.
सरकार को प्रदूषण के लिए कड़े नियम बनाने होंगे. लोगों को जागरूक करने के लिए कई दिवस मनाए जाते हैं जैसे पर्यावरण दिवस, ओजोन दिवस आदि. प्रत्येक व्यक्ति को हर साल एक पेड़ लगाना चाहिए जिससे हमारी आने वाली पीढ़ी को हरा-भरा वातावरण मिलेगा.
0 टिप्पणियाँ